Видео от Vivek Jadhav

विभत्स हूँ... विभोर हूँ... मैं समाधी में ही चूर हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* घनघोर अँधेरा ओढ़ के... मैं जन जीवन से दूर हूँ... श्मशान में हूँ नाचता... मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* साम – दाम तुम्हीं रखो... मैं दंड में सम्पूर्ण हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* चीर आया चरम में... मार आया “मैं” को मैं... “मैं” , “मैं” नहीं... ”मैं” भय नहीं... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* जो सिर्फ तू है सोचता... केवल वो मैं नहीं... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* मैं काल का कपाल हूँ... मैं मूल की चिंघाड़ हूँ... मैं मग्न...मैं चिर मग्न हूँ... मैं एकांत में उजाड़ हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* मैं आग हूँ... मैं राख हूँ... मैं पवित्र राष हूँ... मैं पंख हूँ... मैं श्वाश हूँ... मैं ही हाड़ माँस हूँ... मैं ही आदि अनन्त हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* मुझमें कोई छल नहीं... तेरा कोई कल नहीं... मौत के ही गर्भ में... ज़िंदगी के पास हूँ...
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