Китна Сундар Китна Пьяра Мера Сансар

भोर भई सिंदूरी बेला पंछी गाए गीत मैं जागी, मेरे प्रीतम जागे मुस्काई मेरी प्रीत कितना सुन्दर, कितना प्यारा-२ मेरा संसार-२ कि इस अँगना में मैंने पाया पियाजी का प्यार मेरा देवता का घर है मेरे प्यार का मंदिर है सुख से भरा महल मिले न मिले बनके रहेगा यही स्वर्ग मेरा गुन-गुन गाऊँ मैं पिया को रिझाऊँ मैं झन-झन बाजे मेरा मन का सितार कितना सुन्दर, कितना प्यारा-२ मेरा संसार-२ शुभ दिन आया ऐसा फूल हज़ारों मन में खिल ही गए विधि ने लिखा था जिनसे मेरा मिलन वो तो मिल ही गए मन से मिला है मन जन्मों का ये बंधन इस बंधन का कभी टूटे न तार कितना सुन्दर, कितना प्यारा-२ मेरा संसार-२ कि इस अँगना में मैंने पाया पियाजी का प्यार
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